देश के केन्द्रीय पंचायतीराज, ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि नए कृषि बिल से देश के किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलेगी। यह कानून किसानों के हित संरक्षण और उनकी माँगों के अनुरूप बनाया गया है। इस कृषि कानून में समर्थन मूल्य को खत्म नहीं किया जायेगा। कृषि उपज मंडियों को भी बंद नहीं किया जायेगा। किसान अपनी फसलों को देश के अन्य राज्यों जहां उसे उचित मूल्य मिलेगा बेच सकेंगे। किसान फसल उगाने से पहले ही उपज दाम तय कर सकेंगे। कृषि कानूनों के तहत खरीददारों को समय पर किसानों को भुगतान करना होगा, वरना कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। कानून के तहत किसान अपनी इच्छानुसार कभी भी समझौते को समाप्त करके जहाँ उसे उचित मूल्य मिलेगा वहाँ अपनी फसल बेच सकेगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर बुधवार को फूलबाग में आयोजित भव्य किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिये संकल्पित है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता देश, प्रदेश का ही नहीं पूरे विश्व के लोगों का पेट भरता है। फसल बोते समय खाद-बीज डालने के साथ-साथ अपना पसीना बहाकर एक वटवृक्ष तैयार करके हम तक फसल पहुँचाता है। आज चंद लोग किसानों के हित संरक्षण के लिये बनाए कानून में रोड़ा अटका रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आतिथ्य में रीवा में आयोजित कार्यक्रम का एलईडी पर सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में अंतरित राशि 1600 करोड़ रूपए आगामी 18 दिसम्बर 2020 से जमा कराई जायेगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी।
भव्य किसान सम्मेलन में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सहकारिता मंत्री श्री ओ पी एस भदौरिया, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर, श्रीमती संध्या राय, श्री के पी यादव, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य, पूर्व राज्य मंत्री श्री गिर्राजराज दण्डौतिया, ग्वालियर-चंबल संभाग की विधानसभा क्षेत्रों के विधायक, पूर्व विधायक, जिला भाजपा अध्यक्ष सहित दोनों संभागों के जिलों के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज एवं कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि दक्षिण भारत सहित अन्य राज्यों के किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित किसान हितैषी अध्यादेश का तहेदिल से स्वागत किया है। वहीं पंजाब, हरियाणा के किसानों को विपक्षी राजनैतिक दलों द्वारा भड़काया जा रहा है ताकि वे किसानों की आड़ में राजनैतिक रोटियां सेक सकें। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में किसानों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखकर ही बनाया है। यह कानून पूरी तरह किसान हितैषी है जिसे किसानों को समझना होगा। उन्होंने देश के सभी किसानों से अपील की है कि वे किसी भी राजनैतिक दल के बहकावे में न आएँ।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 2014 से लगातार किसानों के कल्याण के लिये प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों से आमदनी का धंधा तभी बन सकेगा, जब परंपरागत खेती को छोड़कर किसान आधुनिक तकनीकी को अपनाकर विभिन्न आयामों से जुड़ें, ताकि किसान आमदनी मुनाफे की श्रेणी में आ जाये। इसके लिये केन्द्र सरकार के साथ प्रदेश सरकारों को आगे कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहले समर्थन मूल्य लमसम तय होता था, लेकिन अब केन्द्र सरकार पहले किसानों द्वारा लगाई लागत को पूछेगी, जितनी किसानों ने लागत लगाई है उसमें 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर अब समर्थन मूल्य घोषित किया जायेगा।
प्रधानमंत्री सम्मान निधि पर चर्चा करते हुये केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना में किसानों को एक वर्ष में 3 किश्तों में 6 हजार रूपये दिये जाते थे।
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान को धन्यवाद देते हुये कहा कि वे भी 2-2 हजार रूपये दो-दो किश्तों में देंगे। इस तरह अब किसानों की यह निधि 10 हजार रूपये तक पहुंच जायेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में केन्द्र सरकार 75 हजार करोड़ रूपये किसानों के खातों में डाल रही है। उन्होंने कहा कि बड़े परिवारों में बटवारे हो जाने से छोटे-छोटे भागों में खेत हो गये है। प्रधानमंत्री ने इन छोटे-छोटे मझोले किसानों के लिये कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये एफ.पी.ओ. बनाया है। इस एफ.पी.ओ. में छोटे-छोटे किसान न ट्रेक्टर ले सकते है और न अन्य कृषि उपकरण इसके लिये उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वे 5-5 बीघा के 100-100 किसान मिलकर एफ.पी.ओ. की योजना में लाभ लेंगे तो उन्हें उन्नत कृषि उपकरण के साथ-साथ थोक में खाद बीज के दामों में रियायत मिल जायेगी और इस योजना का लाभ भी उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि एफ.पी.ओ. के माध्यम से उद्यानिकी फसलों में कम लागत आयेगी और उत्पादन भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कृषि अद्यौसंरचना पर केन्द्र सरकार ने एक लाख करोड़ का प्रावधान किया है। इसमें 20 हजार करोड़ मछली पालन को बढ़ावा देने, 15 हजार करोड़ पशुपालन, 4 हजार करोड़ हर्वल फसलों, 5 हजार करोड़ मधुमक्खी पालन और 10 हजार करोड़ छोटे-छोटे प्रोसेसिंग मशीनों के लगाने पर खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि साढ़े 17 हजार करोड़ प्रधानमंत्री किसान योजना में और 1 हजार 128 करोड़ रूपये कॉपरेटिव के लिये जारी किये गये है। उन्होंने कृषि सुधार के लिये आये अध्यादेश में किसानों को होने वाले फायदों को भी गिनाया।
राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जय जवान-जय किसान के नारे से अपने उदबोधन में कहा कि मूलत: लोग भगवान की पूजा - आराधना करते हैं। किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है जो सारे देश की मौलिक आवश्यकता की पूर्ति करता है। श्री सिंधिया ने कहा कि भारत के किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित संरक्षण के लिये तीन कृषि बिल पारित किए गए हैं। यह तीनों बिल किसानों को अपनी फसल बोने से लेकर उत्पादन बेचने तक की स्वतंत्रता देते हैं। उन्होंने कहा कि अब नए कृषि कानून के तहत किसानों को खाद बीज के भण्डारण की पूर्व से ही व्यवस्था रहेगी।
उन्होंने कहा कि 22 करोड़ किसानों को खेत मिट्टी परीक्षण कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं ताकि किसानों के हाथ और मजबूत हो सकें। उन्होने कहा कि कोरोना के संकट में भी किसानों ने खेती करके देश की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि अधोसंरचना में एक लाख करोड़ रूपए कृषि कोष में जमा कराए हैं। किसानों को हर वर्ष किसान सम्मान निधि के रूप में केन्द्र 6 हजार रूपए और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय के अनुसार प्रत्येक किसान को 4 हजार रूपए इस तरह अब किसान को 10 हजार की किसान सम्मान निधि प्रति वर्ष मिल रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हितों के लिये संकल्पित है। वहीं प्रदेश की सरकार भी 2 हजार 200 करोड़ रूपए पूर्व सरकार ने किसानों के हित का पैसा तिजोरी में रखे हुए थी, उसे तोड़कर मुख्यमंत्री ने किसानों के खातों में जमा कराया। उन्होंने कहा कि अभी तक 7 हजार 700 करोड़ रूपए किसानों को राहत के रूप में उनके खातों में जमा कराए हैं। 1600 करोड़ अंतरित राशि भी प्रदेश सरकार अगले दो दिन के अंदर किसानों के खातों में जमा करायेगी।
नए कृषि कानून का उल्लेख करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाया है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। किसान अपने उत्पादन को अब कहीं पर भी बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि 70 सालों से जंजीरों में जकड़ा किसान अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडियां बंद नहीं होंगीं। अब किसान बिचौलियों से मुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि किसान सम्पन्न होगा तभी देश आगे तरक्की कर सकेगा। उन्होंने कहा कि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिये करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं। अभी धान और गेहूँ पर समर्थन मूल्य दिया जाता था, अब दलहनी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर किसान बेच सकेंगे।
कार्यक्रम को अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य ने संबोधित करते हुए विस्तार से नए कृषि कानून से किसानों को होने वाले फायदों का उल्लेख किया।
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