मुरैना शहर 02 फरवरी रात्रि 11 बजकर 56 मिनिट , विशेषकर गांधी कालोनी में की जा रही बिजली कटौती तारीख 31 जनवरी की सुबह 6 बजे से शुरू की गयी , पूरे दिन व पूरी रात बिजली गायब रहने के बाद फिर 1 फरवरी और 2 फरवरी को भी बिजली कटौती का यही आलम बरकरार है , खबर लिखे जाने के वक्त देर रात तक गांधी कालोनी मुरैना में अंधाधुंध अघोषित बिजली कटौती जारी थी ।
ज्ञातव्य है कि जहां जाली व फर्जी बिल जारी करने में भी मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की मुरैना शाखा अव्वलतम है वहीं तकरीबन 50 हजार उपभोक्ताओं के बिजली के बिल इनके भ्रष्ट व अंधेरगर्द अफसरों ने इतने अधिक बढ़ा दिये कि जिनके बिल 196 रू महीने आते थे , उनके बिल 3 हजार रू महीने कर दिये ।
आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं - बिजली कंपनी को उपभोक्ता सन 2010 से निरंतर आवेदन दे रहे हैं ( ग्वालियर टाइम्स के पास इन आवेदनों की पावतियां उपलब्ध हैं ) तमाम शिकायतें भी करते हैं । मगर भ्रष्टाचार की विष्टा खा रहे अधिकारी इतने मगरूर और अंधे बहरे हैं कि न तो उन्हें कुछ दिखाई देता है और न कुछ सुनाई ही देता है । गोया आलम ये है कि 40 साल से जो उपभोक्ता हर महीने नियमित बिल देते भरते आये हैं , बिजली कंपनी की अंधेरगर्दी ने इस सूरत में उन्हें ला दिया है कि वे बिजली का एक भी बिल और कभी भी जमा न करें ।
बिजली कंपनी की असली सूरत और तस्वीर देख कर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह के सारे काम और सारे के सारे दावे एकदम झूठे और दिखावटी ही प्रतीत होते हैं ।
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