नगर निगम की आय बढ़ाने के लिये सभी करों की वसूली बढ़ाई जाए। वसूली के कार्य में किसी भी प्रकार की ढ़िलाई न बरती जाए। केन्द्र सरकार की संस्थाओं से बकाया राशि वसूलने के लिये विशेष प्रयास किए जाएं। इसके लिये वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए। सम्पत्तिकर, जल कर एवं अन्य निगम के कर लक्ष्य अनुरूप वसूलें। ई-नगर पालिका के माध्यम से ऑनलाइन कर जमा करने की सुविधायें आम लोगों को उपलब्ध हों, यह भी सुनिश्चित किया जाए।
संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने मंगलवार को मोतीमहल के मानसभागार में नगर निगम की आय वृद्धि हेतु अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन, सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती जयति सिंह, अपर आयुक्त श्री मुकुल गुप्ता, उपायुक्त श्री जगदीश अरोरा, श्री सतपाल सिंह चौहान सहित राजस्व वसूली से जुड़े निगम के अधिकारीगण उपस्थित थे।संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने कहा कि निगम की सभी सेवाओं को ऑनलाइन ई-नगर पालिका के माध्यम से किया गया है। सभी प्रकार के कर भी ऑनलाइन जमा करने की सुविधा आम उपभोक्ता को ई-नगर पालिका में उपलब्ध है। ऑफ लाईन किसी भी प्रकार का कर जमा नहीं होना चाहिए। ऑनलाइन करों को प्रोत्साहित करने हेतु वार्ड स्तर पर भी वॉलेन्टियर तैयार किए जाएं। इन वॉलेन्टियरों को कर जमा कराने पर कुछ राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा सकती है। यह वॉलेन्टियर अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक कर दाताओं को ऑनलाइन किस प्रकार घर बैठे कर जमा किया जा सकता है, इसकी जानकारी दें। इसके साथ ही करदाता के मोबाइल से ही कर जमा कराएँ।
उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार का प्रावधान ई-नगर पालिका में रखा गया है। हमें भी सभी सेवाओं और करों को जमा करने की व्यवस्था ऑनलाइन करना चाहिए। निगम की ज्यादातर सेवायें घर बैठे लोगों को मिलें, यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिये वार्ड स्तर पर वॉलेन्टियर तैयार कर व्यवस्थाओं को और बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्रीय संस्थान जो ग्वालियर में स्थित हैं जिन पर राशि बकाया है उनसे वसूली हेतु अपर आयुक्त एवं उपायुक्त स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए, यह प्रयास कर राशि जमा कराएँ।
संभाग आयुक्त ने यह भी निर्देशित किया है कि नगर निगम सीमा में जितने भी शासकीय भवन बनते हैं उन्हें भी भवन अनुमति लेना जरूरी है। कोई भी भवन बिना भवन अनुमति के न बनें, यह सुनिश्चित किया जाए। निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से उसे भवन अनुमति प्रदान की जाए।
नगर निगम आयुक्त श्री संदीप माकिन ने बताया कि गत वर्ष नगर निगम द्वारा 57 करोड़ 84 लाख रूपए राजस्व एवं 17 करोड़ 86 लाख रूपए जल कर वसूल किया था। 31 दिसम्बर तक गत वर्ष 37 करोड़ रूपए वसूली की गई थी। इस वर्ष अभी 9 करोड़ रूपए कम हुई है। 31 दिसम्बर तक अभियान चलाकर वसूली को बढ़ाया जायेगा।
सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती जयति सिंह ने भी निगम की आय वृद्धि हेतु ऑनलाइन सेवाओं को और बेहतर कैसे किया जा सकता है, इसके संबंध में जानकारी दी।
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